tag:blogger.com,1999:blog-36378639610767273672024-03-29T08:58:49.673+05:30पहचान पत्रSunilhttp://www.blogger.com/profile/12553476480981839837noreply@blogger.comBlogger18125tag:blogger.com,1999:blog-3637863961076727367.post-4651381669251555182023-08-20T20:03:00.005+05:302023-08-20T20:07:53.657+05:30 25 रुपए किलो प्याज बेचेगी सरकार<p style="text-align: justify;"></p><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgMeYnrYc8tzjDn1IaUt6t1vT1Tm1A3HSzfEghgfHh7psFARbeC7v75Qs9kOQnOehpSZbZgFgvAf8KJM5TKMbv40andc8LbZImIGBWs_7s6G0T3cncUYO2DQJAIPol6JZb81D86OJ8v4Y3QWf2eQ54BHqOTLuLITjGZ6XoqWAppt-9wHSAlu1WLbrFSDpXg/s737/Untitled%20design.png" style="clear: right; float: right; margin-bottom: 1em; margin-left: 1em;"><img border="0" data-original-height="376" data-original-width="737" height="163" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgMeYnrYc8tzjDn1IaUt6t1vT1Tm1A3HSzfEghgfHh7psFARbeC7v75Qs9kOQnOehpSZbZgFgvAf8KJM5TKMbv40andc8LbZImIGBWs_7s6G0T3cncUYO2DQJAIPol6JZb81D86OJ8v4Y3QWf2eQ54BHqOTLuLITjGZ6XoqWAppt-9wHSAlu1WLbrFSDpXg/s320/Untitled%20design.png" width="320" /></a></div><div style="text-align: justify;">भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ (एनसीसीएफ) 21 अगस्त से सस्ते दामों पर प्याज की बिक्री शुरू करेगा।<span style="text-align: left;">एनसीसीएफ 25 रुपए प्रति किलो के खुदरा मूल्य की दर से प्याज को बेचेगा। प्याज की बिक्री एनसीसीएफ की दुकानों और मोबाइल वैन के जरिए की जाएगी। आने वाले दिनों में अन्य संस्थाओं और ई-कॉमर्स मंचों को भी शामिल कर प्याज की खुदरा बिक्री को बढ़ाया जाएगा। बफर स्टॉक से प्याज का निपटान शुरू हो गया है। प्याज उन राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों में भेजा जा रहा है जहां प्याज की कीमतें अधिक हैं। अब तक 1400 मीट्रिक टन प्याज बाजारों में भेजा गया है। बाजारों में प्याज की उपलब्धता बढ़ाने के लिए बफर से प्याज भेजने का सिलसिला आगे भी जारी रहेगा। सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए इस वर्ष प्याज बफर की मात्रा बढ़ाकर 5 लाख मीट्रिक टन कर दिया है। पहले यह 3 लाख मीट्रिक टन प्रारंभिक लक्ष्य था। गौरतलब है कि टमाटर के बाद प्याज की महंगाई ने लोगों को रुलाना शुरू कर दिया है। जिसके चलते सरकार आम उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए 21 अगस्त से सस्ते दाम पर प्याज बेचने जा रही है। टमाटर के दाम जब 250 रुपए प्रति किलो की दर से आसमान छूने लगे, तब सरकार ने लोगों को राहत देने के लिए अपनी कोशिशें शुरू कीं। सरकार ने लोगों को सस्ते दामों पर टमाटर उपलब्ध कराना शुरू किया जिसके बाद से टमाटर 40 रुपए प्रति किलो की दर से फिलहाल बिक रहा है। </span></div><p></p><p></p>Sunilhttp://www.blogger.com/profile/12553476480981839837noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-3637863961076727367.post-77765151496057698162023-08-12T21:25:00.003+05:302023-08-12T21:27:18.964+05:30जी20 भ्रष्टाचार निरोधी बैठक, पीएम का संबोधन<p style="text-align: justify;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgPoS8Zkj8B1cdwk1_Z0IpyUnkt4Qut_USLbF3QIalIJ3jZKsu5fZiYgP3Vt8pmQGk53SlZ4M84QYPnUV9CL80tv9SxgkJexo3UxRpfoIdmWy3sJ_4DC_ByMobLoSLb9jG_2ILNuiPhL4FdjtzwJXT055ZR0PQVa0W48WwBi39sPr74kwQ2zWVJd6kus7qQ/s2200/H20230812136464%20(1).JPG" style="clear: right; display: inline !important; float: right; margin-bottom: 1em; margin-left: 1em; text-align: center;"><img border="0" data-original-height="2107" data-original-width="2200" height="191" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgPoS8Zkj8B1cdwk1_Z0IpyUnkt4Qut_USLbF3QIalIJ3jZKsu5fZiYgP3Vt8pmQGk53SlZ4M84QYPnUV9CL80tv9SxgkJexo3UxRpfoIdmWy3sJ_4DC_ByMobLoSLb9jG_2ILNuiPhL4FdjtzwJXT055ZR0PQVa0W48WwBi39sPr74kwQ2zWVJd6kus7qQ/w200-h191/H20230812136464%20(1).JPG" width="200" /></a>प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 अगस्त को पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में आयोजित जी20 भ्रष्टाचार <span style="text-align: left;">विरोधी मंत्रिस्तरीय बैठक को संबोधित किया। पीएम मोदी ने इस बैठक को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया। मोदी ने कहा कि देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति है। मोदी ने लालच के प्रति आगाह करते हुए कहा कि यह हमें सच्चाई का अनुभव करने से रोकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार का सबसे अधिक प्रभाव गरीबों पर पड़ता है। भ्रष्टाचार संसाधनों के उपयोग को प्रभावित करता है। उन्होंने कहा कि यह बाजार को विकृत कर देता है। सेवा वितरण पर प्रभाव डालता है और अंत में लोगों के जीवन की गुणवत्ता को कम कर देता है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत एक पारदर्शी और जवाबदेह इकोसिस्टम बनाने के लिए प्रौद्योगिकी और ई-गवर्नेंस का लाभ उठा रहा है। कल्याणकारी योजनाओं और सरकारी परियोजनाओं में गड़बड़ियों और कमियों को दूर किया जा रहा है। इसके परिणामस्वरूप भारत में सैकड़ों मिलियन लोगों को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के जरिए उनके बैंक खातों में 360 बिलियन डॉलर से अधिक की राशि प्राप्त हुई और 33 बिलियन डॉलर से अधिक की राशि बचाने में मदद मिली है। मोदी ने कहा कि सरकार पूरी तत्परता के साथ आर्थिक अपराधियों का पीछा कर रही है और आर्थिक अपराधियों से 1.8 बिलियन डॉलर से अधिक की संपत्ति की वसूली की गई है। धनशोधन रोकथाम अधिनियम पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि 2014 से अपराधियों की 12 बिलियन डॉलर से अधिक की संपत्ति जब्त की गई है। पीएम ने इस बात पर प्रसन्नता जताई कि प्रवर्तन एजेंसियों के बीच सहयोग पर सहमति बन गई है। इससे अपराधी कानूनी खामियों का फायदा नहीं उठा पाएंगे। गौरतलब है कि जी20 भ्रष्टाचार निरोधी मंत्रिस्तरीय बैठक की अध्यक्षता लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने की। यह जी20 की दूसरी मंत्रिस्तरीय बैठक है। इससे पहले भ्रष्टाचार निरोधी वर्किंग ग्रुप की बैठक 9 से 11 अगस्त तक कोलकाता में हुई थी। बैठक में जी20 सदस्यों, 10 आमंत्रित देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। </span></p><p></p>Sunilhttp://www.blogger.com/profile/12553476480981839837noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-3637863961076727367.post-15975674033237875902023-08-06T20:56:00.004+05:302023-08-06T21:33:44.831+05:30508 रेलवे स्टेशनों का होगा कायाकल्प<p style="text-align: justify;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgklM09EhTgfFdPlXdwfdcgl6bv7AjaMu1hdP7KZYHP61odhA4PLiA89Cz_KSEyxN1kmJVo7nBFkQURI_1jvRfWFJU1G1frEIM96tuw9oohauCcTGua7bCnrZJ_WuKy0pfo8QX0xnABbigpumpO_UAOnOZ1dAk2QF-n6fjVfQaCsSEgKkqVN1BHuTDf4VOm/s2200/H20230806136340.JPG" style="clear: right; display: inline !important; float: right; margin-bottom: 1em; margin-left: 1em; text-align: center;"><img border="0" data-original-height="1332" data-original-width="2200" height="194" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgklM09EhTgfFdPlXdwfdcgl6bv7AjaMu1hdP7KZYHP61odhA4PLiA89Cz_KSEyxN1kmJVo7nBFkQURI_1jvRfWFJU1G1frEIM96tuw9oohauCcTGua7bCnrZJ_WuKy0pfo8QX0xnABbigpumpO_UAOnOZ1dAk2QF-n6fjVfQaCsSEgKkqVN1BHuTDf4VOm/s320/H20230806136340.JPG" width="320" /></a>मोदी सरकार रेलवे के कायाकल्प को लेकर काफी गंभीर दिख रही है। इस दिशा में एक कदम आगे बढ़ते हुए <span style="text-align: left;">प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 6 अगस्त को अमृत रेलवे स्टेशन के तहत देशभर के 508 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की आधारशिला रखी। पीएम ने यह आधारशिला वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए रखी। पुनर्विकास हेतु चयनित ये 508 रेलवे स्टेशन 27 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में फैले हुए हैं। उत्तर प्रदेश में 55, राजस्थान में 55, बिहार में 49, महाराष्ट्र में 44, पश्चिम बंगाल में 37, मध्य प्रदेश में 34, असम में 32, ओडिशा में 25, पंजाब में 22, गुजरात में 21, तेलंगाना में 21, झारखंड में 20, आंध्र प्रदेश में 18, तमिलनाडु में 18, हरियाणा में 15 और कर्नाटक में 13 रेलवे स्टेशनों का कायाकल्प होगा। इरस कायाकल्प पर 24470 करोड़ से अधिक रुपए खर्च होंगे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिेए लोगों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि देश के लगभग 1300 प्रमुख रेलवे स्टेशनों को अब आधुनिकता के साथ 'अमृत भारत स्टेशन' के रूप में पुनर्विकसित किया जाएगा। पहले चरण में 508 रेलवे स्टेशनों का कायाकल्प होगा। इसमें उत्तर प्रदेश और राजस्थान में लगभग 4000 करोड़ रुपए की लागत से 55 अमृत स्टेशन, मध्य प्रदेश में लगभग 1000 करोड़ की लागत से 34 स्टेशन, महाराष्ट्र में 1500 करोड़ की लागत से 44 स्टेशन का पुनर्विकास होगा। प्रधानमंत्री कार्यालय के द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार अमृत स्टेशनों में देश की सांस्कृतिक और स्थानीय विरासत की झलक देखने को मिलेगी। जयपुर रेलवे स्टेशन पर हवा महल और आमेर के किले की झलक देखने को मिलेगी। जम्मू-कश्मीर का जम्मू तवी रेलवे स्टेशन प्रसिद्ध रघुनाथ मंदिर से प्रेरित होगा। नगालैंड का दीमापुर रेलवे स्टेशन क्षेत्र की 16 विभिन्न जनजातियों की स्थानीय वास्तुकला को प्रदर्शित करेगा। विज्ञप्ति के अनुसार इस वर्ष रेलवे को 2.5 लाख करोड़ रुपए से अधिक का बजट दिया गया है जो 2014 की तुलना में पांच गुना ज्यादा है। पिछले 9 वर्षों में लोकोमोटिव उत्पादन में 9 गुना की वृद्धि हुई है। वर्तमान में 13 गुना अधिक एचएलबी कोचों का निर्माण किया जा रहा है। पूर्वोत्तर में रेल लाइनों के दोहरीकरण, गेज परिवर्तन, विद्युतीकरण और नए मार्गों पर तेजी से काम चल रहा है। पूर्वोत्तर के सभी राज्यों की राजधानियों का बहुत जल्द रेलवे नेटवर्क से जुड़ जाने का दावा भी किया गया है। पिछले 9 वर्षों में 2200 किलोमीटर से अधिक समर्पित फ्रेट कॉरिडोर का निर्माण किया गया है। इसी तरह वर्तमान में रेलवे ओवरब्रिज और अंडरब्रिज की संख्या 10000 से अधिक हो गई है। </span></p><p></p>Sunilhttp://www.blogger.com/profile/12553476480981839837noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-3637863961076727367.post-24770399232238094662023-08-01T20:57:00.004+05:302023-08-01T21:08:40.602+05:30पीएम मोदी को लोकमान्य तिलक पुरस्कार<p style="text-align: justify;"><table cellpadding="0" cellspacing="0" class="tr-caption-container" style="float: right; text-align: justify;"><tbody><tr><td style="text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgWdddUPgioetSdiUgGqKJBOCPMT4FIBTMaPm7dFI1oL-psxlkJfqBmXhwsC0GhrQkAQmMWmxX35_6L6kWhoI6Tr8HzIDuf90tZFNw9AMfYN2yPFGGqD7HmISzO8z_b3sZ_cpGR6NviyJM9UJ6u17V21ba71lh1RWvMINHetYns1UNlI9e-L7a3ToHmKyg9/s2200/H20230801136153.JPG" style="clear: right; margin-bottom: 1em; margin-left: auto; margin-right: auto; text-align: justify;"><img border="0" data-original-height="1626" data-original-width="2200" height="237" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgWdddUPgioetSdiUgGqKJBOCPMT4FIBTMaPm7dFI1oL-psxlkJfqBmXhwsC0GhrQkAQmMWmxX35_6L6kWhoI6Tr8HzIDuf90tZFNw9AMfYN2yPFGGqD7HmISzO8z_b3sZ_cpGR6NviyJM9UJ6u17V21ba71lh1RWvMINHetYns1UNlI9e-L7a3ToHmKyg9/w320-h237/H20230801136153.JPG" width="320" /></a></td></tr><tr><td class="tr-caption" style="text-align: center;"></td></tr></tbody></table></p><div style="text-align: justify;">महाराष्ट्र के पुणे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। प्रधानमंत्री ने पुरस्कार को देश की जनता को समर्पित किया। इसके साथ ही पुरस्कार में प्राप्त राशि को नमामि गंगे परियोजना को दान कर दिया। इस अवसर पर महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस, राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस और अजीत पवार समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित थे। लोकमान्य तिलक को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि तिलक ने स्वतंत्रता संग्राम में अमूल्य योगदान दिया है। उन्होंने तिलक को स्वतंत्रता संग्राम का तिलक बताया। मोदी ने कहा कि तिलक एक महान संस्था निर्माता और परंपराओं के पोषक थे। उन्होंने भारतीय में हीन भावना के मिथक को तोड़ा और अपनी क्षमताओं के प्रति भारतीयों में आत्मविश्वास जगाया। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने तिलक द्वारा फर्ग्यूसन कॉलेज की स्थापना के समय को याद किया और कहा कि उस समय भारत में विश्वास की कमी की बात कही गई थी। मोदी ने कहा कि देश अब विश्वास की कमी से अतिरिक्त विश्वास की ओर बढ़ गया है। इस दौरान पीएम ने अपने 9 साल के कार्यकाल के दौरान हुए बदलाव की चर्चा की। बता दें कि लोकमान्य तिलक की याद में तिलक स्मारक मंदिर ट्रस्ट द्वारा 1983 में इस पुरस्कार की स्थापना की गई थी। यह पुरस्कार उन लोगों को दिया जाता है जिन्होंने देश के विकास के लिए उल्लेखनीय और असाधारण कार्य किया है। हर साल यह पुरस्कार लोकमान्य तिलक की पुण्यतिथि 1 अगस्त को दिया जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पुरस्कार को प्राप्त करने वाले 41वें व्यक्ति हैं। इससे पहले इंदिरा गांधी, डॉ. शंकर दयाल शर्मा, प्रणब मुखर्जी, अटल बिहारी वाजपेयी, डॉ मनमोहन सिंह, एन आर नारायणमूर्ति, डॉ ई. श्रीधरन जैसे प्रमुख व्यक्तियों को इस पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। </div><p></p><p></p>Sunilhttp://www.blogger.com/profile/12553476480981839837noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-3637863961076727367.post-36922376663157101312023-07-25T22:33:00.004+05:302023-07-25T22:36:14.609+05:30संसद में हंगामे से किसका भला होगा ?<p style="text-align: justify;">केंद्र सरकार और विपक्ष के बीच तनातनी बढ़ती जा रही है। सरकार को विपक्ष का रचनात्मक सहयोग नहीं मिल रहा है। विपक्ष सरकार पर नाकामियों का आरोप लगाकर संसद को चलने नहीं दे रहा है। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी के ट्वीट के अनुसार इस मानसून सत्र में सरकार कई महत्वपूर्ण बिल पास करवाना चाहती है। लेकिन विपक्ष के हंगामे की वजह से बिल अटके पड़े हैं। हंगामे का मुख्य कारण रूल 267 बनाम 176 है। सरकार रूल 176 के तहत संसद में छोटी चर्चा चाहती है जबकि विपक्ष रूल 267 के तहत संसद में लंबी चर्चा चाहता है। राज्यसभा में रूल 176 में 11 जबकि रूल 267 में 27 नोटिस मिले थे। लेकिन सरकार नियम 267 के तहत चर्चा कराने को तैयार नहीं है। 20 जुलाई से संसद का मानसून सत्र शुरू हो गया है और यह 11 अगस्त तक चलेगा। कुल 23 दिनों तक संसद का मानसून सत्र चलेगा। इस दौरान कुल 17 बैठकें आयोजित की जाएंगी। लेकिन 6 दिन हो चुके हैं विपक्ष हंगामे पर अड़ा है। मणिपुर के मुद्दे पर विपक्ष मोदी सरकार को घेर रहा है। वहीं भाजपा राजस्थान, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल राज्य में हो रहे अत्याचारों व हिंसा को लेकर विपक्ष को घेर रहा है। जानकारी के मुताबिक इस मानसून सत्र में सरकार कुल 31 बिल संसद में लाएगी। इनमें से 21 नए बिल हैं और 10 संसद के किसी न किसी सदन में पेश हो चुके हैं। माना जा रहा है कि सरकार इस मानसून सत्र में समान नागरिक संहिता बिल भी पेश कर सकती है। इसके अलावा दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग से जुड़ा बिल भी संसद में पेश हो सकता है। संसद में जारी गतिरोध चिंताजनक और निराशाजनक है। विपक्ष आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह के निलंबन से नाराज है। चुनाव नजदीक होने की वजह से संसद पर चुनावी छाया पड़ रही है। चाहे वो सत्तापक्ष हो या विपक्ष, हर पक्ष अपनी चुनावी जमीन को उर्वरक बनाने में जुटा है। संसद की कार्यवाही नहीं चलने से जनता का ही नुकसान हो रहा है। इसको लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों को सोचना होगा कि आखिर उनकी हठधर्मिता से किसका भला हो रहा है ?</p>Sunilhttp://www.blogger.com/profile/12553476480981839837noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-3637863961076727367.post-88992946688829539672023-07-08T21:06:00.003+05:302023-07-08T21:12:48.135+05:30क्या किंगमेकर बनेंगे राहुल गांधी ?<p style="text-align: justify;">गुजरात हाईकोर्ट द्वा्रा मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी़ की समीक्षा याचिका को खारिज करना राष्ट्रीय राजनीति के लिए महत्वपूर्ण है। यह समीक्षा याचिका ऐसे समय में खारिज हुई है जब राहुल गांधी सत्तासीन बीजेपी सरकार के लिए बड़ी चुनौती साबित हो रहे हैं। हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक की विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जो जीत हासिल की है, उसके पीछे पार्टी के नेता व कार्यकर्ता राहुल गांधी की मेहनत को श्रेय दे रहे हैं। राहुल गांधी को श्रेय देना भी चाहिए। राहुल कांग्रेस का एकमात्र चेहरा हैं जिनके बल पर पार्टी चुनाव लड़ती है। यदि बीजेपी नरेंद्र मोदी के चेहरे पर चुनाव में उतरती है तो कांग्रेस राहुल गांधी के चेहरे को आगे करके चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रही है। 2019 का लोकसभा चुनाव काफी महत्वपूर्ण है। इस चुनाव में राहुल गांधी ने कांग्रेस की जीत के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया था। इसी कड़ी में उन्होंने मोदी सरनेम को लेकर एक ऐसी लकीर खींची जो मानहानि के दायरे में आ गया। राहुल गांधी ने अपनी जनसभाओं में जिस तरह से मोदी सरनेम को लेकर हमले किए, उसके पीछे चाहे जो भावना रही हो, लेकिन राहुल को यह समझना चाहिए था कि यही मोदी सरनेम उनके लिए भविष्य में मुसीबत बन जाएगा। राहुल को समझना चाहिए कि सारे मोदी सरनेम वालों को एक तराजू में तौलना ठीक नहीं है। इस परिप्रेक्ष्य में गुजरात हाईकोर्ट का फैसला काफी अहम है। इससे राहुल व उनकी पार्टी सहित उन सभी नेताओं व लोगों को सबक लेनी चाहिए कि बोलने से पहले सोच-समझ लें कि क्या बोल रहे हैं और उसका क्या प्रभाव होगा? गुजरात हाईकोर्ट से समीक्षा याचिका खारिज होने के बाद अब राहुल की सारी उम्मीदें सुप्रीम कोर्ट पर जा टिकी हैं। सर्वोच्च न्यायालय उनकी याचिका पर क्या फैसला देगा, यह तो भविष्य बताएगा, लेकिन मोदी सरनेम मानहानि मामले में आए फैसले ने राहुल गांधी के राजनीतिक सफर पर विराम लगा दिया है। उनका प्रधानमंत्री बनने का सपना अधूरा रह सकता है। गुजरात हाईकोर्ट की एकल बेंच ने राहुल गांधी की दोषसिद्धि और दो साल की सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। गौरतलब है कि गुजरात की एक अदालत ने मोदी सरनेम मानहानि मामले में राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई। यह सजा इसी साल 23 मार्च को सुनाई गई थी। जिसके बाद 24 मार्च को लोकसभा सचिवालय ने एक अधिसूचना निकाल कर राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता खत्म कर दी। राहुल गांधी केरल के वायनाड से लोकसभा के सदस्य थे। जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 8(3) के तहत यदि किसी सांसद को किसी अपराध के लिए दोषी ठहराया जाता है और उसे कम से कम दो साल की सजा सुनाई जाती है तो उसकी संसद सदस्यता समाप्त हो जाएगी। यदि सुप्रीम कोर्ट से राहुल गांधी को राहत नहीं मिलती है तो राहुल के लिए संसद सदस्य बनने का अवसर समाप्त हो जाएगा। ऐसे में उनकी प्रधानमंत्री पद की दावेदारी का कोई मतलब नहीं रह जाएगा। कांग्रेस राहुल को अपना चेहरा बनाकर घूम रही है। राहुल राजनीतिक लाभ के लिए भारत जोड़ो यात्रा पर निकले थे। सवाल है कि इस तरह की कवायद राहुल गांधी खुद को प्रधानमंत्री बनाने के लिए कर रहे हैं या फिर कांग्रेस पार्टी को सत्ता दिलाने के लिए, चाहे प्रधानमंत्री पार्टी का कोई भी नेता हो। यदि राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली तो क्या राहुल गांधी कांग्रेस पार्टी में किंग मेकर की भूमिका निभाएंगे? </p>Sunilhttp://www.blogger.com/profile/12553476480981839837noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-3637863961076727367.post-12658424801201161512023-05-15T18:55:00.002+05:302023-05-15T18:55:47.675+05:30राजनीतिक मंच पर मोदी और राहुल की टक्कर<p style="text-align: justify;">कर्नाटक विधानसभा चुनाव के बाद भारतीय जनता पार्टी दक्षिण भारत से साफ हो गई है। यह भाजपा के लिए काफी बड़ा झटका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जी-तोड़ मेहनत काम नहीं आई। अमित शाह की सारी रणनीति फेल हो गई। कांग्रेस की तरफ से राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने पार्टी की जीत के लिए काफी मेहनत की। उसका नतीजा सबके सामने है। कांग्रेस ने कर्नाटक विधानसभा में 135 सीटें जीत कर सबको चौंका दिया है। वहीं भाजपा को 66 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा। जाहिर सी बात है कि कर्नाटक की जनता भाजपा सरकार की नीतियों से खुश नहीं है। राज्य में बसवराज बोम्मई के नेतृत्व में भाजपा की सरकार थी, लेकिन अब तस्वीर बदल चुकी है। चुनाव में पार्टी की हार के बाद बसवराज बोम्मई ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। भाजपा के प्रति जनता की नाराजगी का ये पहला उदाहरण नहीं है। इससे पहले हिमाचल प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत ने यह संकेत दे दिया कि कांग्रेस भारतीय जनता पार्टी को चुनौती दे सकती है। भाजपा कांग्रेस मुक्त भारत का सपना देख रही थी, लेकिन क्या यह सपना पूरा हो पाएगा ? पहले हिमाचल प्रदेश और अब कर्नाटक चुनाव परिणाम ने स्पष्ट कर दिया है कि कांग्रेस को खत्म करना इतना आसान नहीं है। जीत-हार लगी रहती है। कांग्रेस कई राज्यों में हारी है तो उसने कई राज्यों में जीत भी दर्ज की है। 2024 में लोकसभा के चुनाव होने हैं। भारतीय जनता पार्टी के लिए सत्ता में वापसी बड़ी चुनौती होगी, क्योंकि कांग्रेस धीरे-धीरे मजबूत हो रही है। नरेंद्र मोदी को हराने के लिए विपक्ष अपनी एकता पर जोर दे रहा था। इस एकता में बाधक था पीएम उम्मीदवार के लिए कई नेताओं की दावेदारी। कांग्रेस की कर्नाटक जीत से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मुहिम को झटका लगा है। राहुल गांधी मजबूत पीएम उम्मीदवार के तौर पर उभरे हैं। अब विपक्षी नेताओं को राहुल गांधी को दरकिनार करके चलना संभव नहीं है। कांग्रेस राहुल गांधी को ही विपक्ष का चेहरा स्वीकार करेगी। ऐसे में किसी अन्य नेता पर विपक्ष में सहमति बनना कठिन प्रतीत हो रहा है। कर्नाटक चुनाव में जीत के बाद राहुल गांधी राजनीतिक मंच पर नरेंद्र मोदी को चुनौती देने में सबसे आगे हैं। ये देखना दिलचस्प होगा कि पीएम की कुर्सी के लिए 2024 का लोकसभा चुनाव विपक्ष किस चेहरे पर लड़ेगा ?</p>Sunilhttp://www.blogger.com/profile/12553476480981839837noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-3637863961076727367.post-70811387971534199022023-05-01T20:49:00.003+05:302023-05-01T21:08:49.859+05:30अरब यात्री के स्पेस वॉक के मायने<p style="text-align: justify;">संयुक्त अरब अमीरात के अंतरिक्ष यात्री सुल्तान अल नेयादी ने अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन से बाहर निकलकर अंतरिक्ष में कुछ समय बिताया। इस उपलब्धि को देखते हुए कहा जा रहा है कि अरब ने इतिहास रच दिया है। यह उपलब्धि अरब देशों के लिए सुखद और अनुकरणीय है। सुल्तान अल नेयादी दो महीने के लिए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र गए हुए हैं। नेयादी अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा की मदद से अंतरराष्ट्रीय स्पेस सेंटर गए हुए हैं। उनके साथ नासा के अंतरिक्ष यात्री स्टीफन बोवेन भी अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र गए हुए हैं। नेयादी का स्पेस वॉक इस मायने में काफी महत्वपूर्ण है कि अरब देशों की तरफ से वे पहले व्यक्ति हैं जिन्होंने स्पेस वॉक किया है। स्पेस वॉक काफी कठिन और जोखिम भरा कार्य है। इस स्पेस वॉक के लिए जो परिधान पहनने होते हैं वो काफी भारी होते हैं। पृथ्वी पर उस परिधान का वजन 145 किलो होता है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि उस परिधान को पहनकर नेयादी ने जो उपलब्धि हासिल की है, उसके पीछे उनका हौसला, उत्साह और दृढ़ इच्छाशक्ति का हाथ कितना ज्यादा होगा ? वाकई वह तारीफ के काबिल हैं। सुल्तान अल नेयादी अंतरिक्ष में चलने वाले पहले अमीराती, पहले अरब और पहले मुस्लिम हैं। यदि अरब लोगों के मनोविज्ञान की बात की जाए तो अरब के लोग विज्ञान में उतनी दिलचस्पी नहीं लेते हैं। उनका ज्यादातर समय आपसी लड़ाई-झगड़े और खून-खराबे में बीतता है। ऐसे में संयुक्त अरब अमीरात की तरफ से यह पहले पूरी दुनिया को चौकाता है। संयुक्त अरब अमीरात का अंतरिक्ष यात्री अमेरिका के लिए उपयोगी साबित हो रहा है। सुल्तान अल नेयादी का यह स्पेस वॉक काफी महत्वपूर्ण है। इसके जरिए अंतरिक्ष स्टेशन की बिजली उत्पादन प्रणाली को उन्नत करने और एक प्रमुख संचार उपकरण को फिर से प्राप्त करने का मकसद है। नेयादी और बोवेन अंतरिक्ष स्टेशन में शोध के लिए गए हैं। जिसमें वे सफल हो रहे हैं। उनकी सफलता कई देशों के वैज्ञानिकों को प्रेरणा देने का काम करेगा। खासकर अरब के लोग अब विज्ञान में दिलचस्पी लेना शुरू करेंगे और पश्चिमी देशों की तरह वे भी कामयाबी की नई इबादत लिखेंगे। </p>Sunilhttp://www.blogger.com/profile/12553476480981839837noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-3637863961076727367.post-33391883501620219002018-03-18T19:06:00.002+05:302021-06-30T22:36:43.919+05:30जरा तस्वीर बदलने दो<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
अब मुझे तन्हा रहने दो ।<div>
बस यही गुजारिश है।।</div>
<div>
<br /></div>
<div>
थोड़ी जिंदगी को समझ लूं।</div>
<div>
बस यही ख्वाहिश है।।</div>
<div>
<br /></div>
<div>मैंने बेबसी लाचारी देखी बहुत।</div>
<div>अब मुस्कुराने की मोहलत दे दो।।</div><div><br /></div><div><div>रिश्तों से जब दर्द रिसने लगे।</div><div>तो आंखों से आंसू बहने दो।।</div></div><div><br /></div>
<div>
जख्मों को करवट बदलने दो।</div>
<div>
जरा तस्वीर बदलने दो।।</div>
</div>
Sunilhttp://www.blogger.com/profile/12553476480981839837noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-3637863961076727367.post-58245480872872336362017-12-17T18:32:00.003+05:302022-01-13T23:46:41.973+05:30नोएडा में गंदगी<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<div style="text-align: justify;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiGz7TGg0UsZ2nsi5OoM7jCnuUi3zj5axeOaqVMq7nadZJzoFDwjJfkw8kpCKH_peFtCNwK-mUhyphenhyphenK1cCno5W8Hp3BJhuSrdoYbZ7C_d409G02-YTCEp7myLaLmn7FCv7yrwwOpZN9z6KWr_/s1600/20171217_135831.jpg" style="clear: right; display: inline !important; float: right; margin-bottom: 1em; margin-left: 1em;"><img border="0" data-original-height="1200" data-original-width="1600" height="240" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiGz7TGg0UsZ2nsi5OoM7jCnuUi3zj5axeOaqVMq7nadZJzoFDwjJfkw8kpCKH_peFtCNwK-mUhyphenhyphenK1cCno5W8Hp3BJhuSrdoYbZ7C_d409G02-YTCEp7myLaLmn7FCv7yrwwOpZN9z6KWr_/w320-h240/20171217_135831.jpg" width="320" /></a>
नोएडा सेक्टर-3 में ऊंची-ऊंची कई बिल्डिंग और अच्छी सड़कों के बीच जब ये तस्वीर दिखती है तो ऐसा लगता है कि गंदगी से हमारा नाता कभी खत्म नहीं होने वाला। महंगी गाड़ियों से गुजरने वाले लोग हो या फिर मल्टीनेशनल कंपनियों में काम करने वाले लोग। सभी के लिए ये गंदगी परिचय की मोहताज नहीं। इस गंदगी में मवेशी अपनी भूख मिटाते हैं तो वहीं इंसान इस गंदगी में अपनी इच्छाशक्ति को ढूढता है। इंसान तो आखिर इंसान है। उसका अतीत इसी गंदगी से गुजरा है। ऐसे में वो इसमें रचे-बसे होने का मोह कैसे छोड़ दे? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किले की प्राचीर से ऐलान करते हैं कि पूरे देशवासियों को गंदगी से लड़ना है। इस बीमारी को देश से जड़ से खत्म कर देना है। मगर इस ऐलान का हश्र ये तस्वीर बयां कर रही है। माना कि प्रधानमंत्री की पहल पर लोगों के बीच गंदगी के खिलाफ थोड़ी जागरूकता आई है, लेकिन ये नाकाफी है। दिल्ली और एनसीआर की जब ये हालत है तो देश के दूसरे शहरों की क्या हालत होगी, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। खैर भारत सरकार का स्वच्छता अभियान तारीफ के काबिल वाला कदम है। इसे सभी देशवासी अपना समर्थन दें। लेकिन इससे भी अहम बात जो ये तस्वीर कह रही है। उसे नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी जरूर मंथन करें। </div>
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
</div>
</div>
Sunilhttp://www.blogger.com/profile/12553476480981839837noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-3637863961076727367.post-20765379339132455922017-12-13T09:53:00.006+05:302021-07-12T21:28:06.477+05:30मेरी मौत चाहते हो तुम !<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<div style="text-align: justify;">
मेरी परछाई से मारपीट करते हो तुम ।</div>
<div style="text-align: justify;">
मेरी आत्मा पर जुल्म करते हो तुम ।।<br />
<br /></div>
<div style="text-align: justify;">मेरी हर सड़क पर टकराते हो तुम।।</div><div style="text-align: justify;">मेरी आजादी का अतिक्रमण करते हो तुम।</div><div style="text-align: justify;">
<br /></div>
<div style="text-align: justify;">
मेरी हर खुशी और उमंग से जलते हो तुम।</div>
<div style="text-align: justify;">
कायर और बेईमान की मूरत हो तुम।।<br />
<br /></div>
<div style="text-align: justify;">मेरी आंखों में आंसू चाहते हो तुम।</div>
<div style="text-align: justify;">आह! मेरी मौत चाहते हो तुम।।</div>
</div>
Sunilhttp://www.blogger.com/profile/12553476480981839837noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-3637863961076727367.post-3668317300093707422017-11-30T11:10:00.002+05:302021-07-04T18:45:25.617+05:30कब तक 'बेपटरी' चलेगी भारतीय रेल ?<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<div style="text-align: justify;">
ठंड का असर कह लीजिए या फिर रेलकर्मियों की लापरवाही, भारतीय रेल पटरी पर सरपट नहीं दौड़ पा रही </div>
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjAGAgfY1dCohHuuFyOWk-GOwhR92V0_YXeBjqF8rmPx2DBTZNRMWeI8KEdaQVyWuZDSV3FHsW8hWYhkiJvg2zEt3SyNO25Cc8kFvQQnMmbHM5ZWqsgNxbxpmZ8ZqIMoZMEp0WK_OrAXZHw/s1600/20170905_163606.jpg" style="clear: right; float: right; margin-bottom: 1em; margin-left: 1em; text-align: justify;"><img border="0" data-original-height="1200" data-original-width="1600" height="240" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjAGAgfY1dCohHuuFyOWk-GOwhR92V0_YXeBjqF8rmPx2DBTZNRMWeI8KEdaQVyWuZDSV3FHsW8hWYhkiJvg2zEt3SyNO25Cc8kFvQQnMmbHM5ZWqsgNxbxpmZ8ZqIMoZMEp0WK_OrAXZHw/s320/20170905_163606.jpg" width="320" /></a></div>
<div style="text-align: justify;">
है। ट्रेन के पटरी से उतरने की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। यहां तक कि तत्कालीन रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने रेल दुर्घटनाओं को लेकर नैतिकता के आधार पर रेल मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया। पीयूष गोयल को नया रेल मंत्री बनाया गया, लेकिन हादसों का सिलसिला नहीं थमा। चाहे बास्को डी गामा पटना एक्सप्रेस ट्रेन हो या फिर कलिंग उत्कल एक्सप्रेस, इन हादसों से न तो रेल प्रशासन और न तो सरकार ने सबक सीखा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे की दोस्ती जगजाहिर है। बुलेट ट्रेन का सपना साकार करने के लिए 1 लाख करोड़ से ज्यादा की राशि लगाई जा रही है। इसमें जापान ने बुलेट ट्रेन के लिए भारत को 88 हजार करोड़ की राशि कर्ज के रूप में दी है जिसका ब्याज वो 15 साल के बाद 0.1 प्रतिशत के हिसाब से वसूलेगा। इस कर्ज को भारत 50 साल में चुकाएगा। इतनी मदद मिलने के बाद पीएम मोदी ने अहमदाबाद से मुंबई के लिए बुलेट ट्रेन की नींव रख दी। मगर बड़ा सवाल यही है कि बुलेट ट्रेन लाने वाले मोदी जी देश में हो रहे रेल हादसों पर लगाम नहीं लगा पा रहे हैं, ऐसे में उनकी बुलेट ट्रेन यदि पटरी से उतरी तो हादसे का मंजर क्या होगा। ये सोचकर किसी की भी रूह कांप जाएगी। आनंद विहार टर्मिनल पर सामान की जांच करने वाली एक्स-रे मशीन खराब पड़ी है। उसकी मरम्मत कराने की सुध भी रेलवे को नहीं है। ट्रेन में किन्नरों का ग्रुप घुसता है और हजारों की वसूली करके निकल जाता है और रेलवे सुरक्षा बल और राजकीय रेलवे पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर पाती है। ट्रेनों में तैनात सुरक्षा बल ऐसे मामलों में अंधे हो जाते हैं। उन्हें किन्नरों की वसूली नहीं दिखती है। इसी तरह ट्रेन में डाका डालने की घटनाओं को भी ये सुरक्षा बल नहीं रोक पाते हैं। जिसका नतीजा होता है कि दिन-ब-दिन ये घटनाएं घट रही हैं। आनंद विहार टर्मिनल पर सुविधाओं को लेकर कोई भी यात्री संतोष जरूर जताएगा, लेकिन गरीब यात्री के लिए इस टर्मिनल पर महंगाई बहुत है। इस महंगाई के चलते गरीब आदमी ट्रेन में चढ़ने के पहले सौ बार सोचता है। जब 26 मई 2014 में एनडीए की सरकार बनी। तब तमाम दावों के साथ सुरेश प्रभु को रेल मंत्री बनाया गया, लेकिन उससे रेलवे का कायापलट नहीं हुआ। उल्टा बीमार रेलवे और बीमार हो गया है। अब देखने वाली बात होगी कि नए रेल मंत्री पीयूष गोयल इस बीमार रेलवे की सेहत कितनी सुधार पाते हैं ?</div>
</div>
Sunilhttp://www.blogger.com/profile/12553476480981839837noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-3637863961076727367.post-20978554059694133142017-11-28T23:09:00.000+05:302017-11-29T17:33:13.023+05:30बहुत बेरहम हैं लोग<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<div style="text-align: justify;">
<b>(दिल्ली) </b>ये उत्तरी दिल्ली की तस्वीर है। पेड़ भी सांस लेता है, लेकिन </div>
<div class="separator" style="clear: both; text-align: justify;">
<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEh0d9SFIWufUZvGsidv0FOEItqRqKtD4Zfk5Ft6bjpoWbWAvN3_cO_E1wu9JMiISQ14uyLahSoNXkc1tmUhAQME-6Rr2eXSvH__cT_3S0kYhxz-VeaBwtsHDPn1xBqCb7BGkmqvQBhsHf4d/s1600/20171126_092242.jpg" imageanchor="1" style="clear: right; float: right; margin-bottom: 1em; margin-left: 1em;"><img border="0" data-original-height="1200" data-original-width="1600" height="150" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEh0d9SFIWufUZvGsidv0FOEItqRqKtD4Zfk5Ft6bjpoWbWAvN3_cO_E1wu9JMiISQ14uyLahSoNXkc1tmUhAQME-6Rr2eXSvH__cT_3S0kYhxz-VeaBwtsHDPn1xBqCb7BGkmqvQBhsHf4d/s200/20171126_092242.jpg" width="200" /></a></div>
<div style="text-align: justify;">
इसकी परवाह कौन करता है? यदि परवाह करता तो ये तस्वीर न होती। प्रदूषण को लेकर दिल्ली में हाहाकार मचा है, लेकिन सरकारी लापरवाही का आलम ये है कि ऑक्सीजन देने वाले पेड़ों की लगातार कटाई जारी है। ऐसा नहीं है कि दिल्ली में हरियाली नहीं है, लेकिन दिल्ली की जनसंख्या और प्रदूषण को देखते हुए पेड़ों की कटाई उचित नहीं है। जीवन देने वाले का जीवन लेना कतई जायज नहीं ठहराया जा सकता। बिना हरियाली के जीवन में कोई उत्साह-उमंग नहीं रह जाता। पेड़ों का साथ आदिम काल से मिलता आ रहा है। इसके महत्व का अंदाजा इस बात से लगाया जाता है कि लोग युगों-युगों से पे़ड़ों की पूजा करते आ रहे हैं। अब ऐसे में किसी पूजनीय काया पर कुल्हाड़ी का प्रहार निंदा के लायक है। </div>
<div style="text-align: justify;">
<br /></div>
</div>
Sunilhttp://www.blogger.com/profile/12553476480981839837noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-3637863961076727367.post-49806108929187336612017-11-20T12:28:00.000+05:302017-11-20T18:56:45.988+05:30न लोग बदले, न सिस्टम बदला<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<div style="text-align: justify;">
<b>(पटना)</b> बिहार में परिवहन सेवा का क्या हाल है, इसका अंदाजा इस तस्वीर को देखकर लगाया जा सकता है। </div>
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiv1sGZ9RcghAezSVEWAr8de4O4LaGy0FQjfMgv8m7enEx2QXmvAi_gXmkVGvVfw1XJ_9hIHZY9qW6KHNsRjup96ve1LjsUdxhrli7yTJPIWoBQ3yWLLCihZFo8buyc_PLzstJgu_XdjWHi/s1600/20171119_170146.jpg" imageanchor="1" style="clear: right; float: right; margin-bottom: 1em; margin-left: 1em; text-align: justify;"><img border="0" data-original-height="1200" data-original-width="1600" height="240" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiv1sGZ9RcghAezSVEWAr8de4O4LaGy0FQjfMgv8m7enEx2QXmvAi_gXmkVGvVfw1XJ_9hIHZY9qW6KHNsRjup96ve1LjsUdxhrli7yTJPIWoBQ3yWLLCihZFo8buyc_PLzstJgu_XdjWHi/s320/20171119_170146.jpg" width="320" /></a></div>
<div style="text-align: justify;">
राजधानी के सबसे व्यस्त सड़क बेली रोड या हड़ताली मोड़ पर इस तस्वीर को खींचा गया है। ये वो इलाका है जहां सरकार के नुमाइंदे रहते हैं। ये वो जगह है जहां प्रशासन की बैठकी होती है। ये वो जगह है जहां जनता अपनी मांगों को लेकर धरना देती रही है। ये वो जगह है जहां मजदूर अपने हितों के लिए हड़ताल करते रहे हैं। ये वो जगह है जहां भूख हड़ताल या आमरण अनशन तक होता रहा है। ये वो जगह है जहां से उठी आवाज सरकार को सुननी पड़ती है, लेकिन उस पर अमल कितना होता है ये अलग मुद्दा है। ये तस्वीर गवाह है कि शासन और प्रशासन सुरक्षित यात्रा को लेकर कितना संवेदनशील है? बस की छत पर बैठे ये लोग इंसान हैं कोई सामान नहीं।बस की छत पर बैठकर यात्रा करने की इनकी मजबूरी है या शौक ? ये तो यही लोग बता सकते हैं, लेकिन उस कंडक्टर और खलासी से क्या अपेक्षा रखी जाए जो चंद पैसे कमाने के एवज में यात्रियों की जान खतरे में डाल देता है। नहीं ऐसा कतई नहीं होना चाहिए। लेकिन ऐसा हो रहा है। ये तो राजधानी की तस्वीर है। बिहार के कोने-कोने में लोग अपनी जान को जोखिम में डालकर यात्रा करते हैं और प्रशासन कुंभकर्णी नींद में सोया रहता है। </div>
</div>
Sunilhttp://www.blogger.com/profile/12553476480981839837noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-3637863961076727367.post-45192435125995983472017-11-03T15:45:00.003+05:302021-07-03T23:26:47.054+05:30पटना की गंदगी देखने आएंगे पर्यटक !<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<div style="text-align: justify;"><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjEIlyzfcN21Z41EL6lmyyIjDDE-qb5aBF88OSsL3ehCtWbY44Mi3r8iIyStKrDxP9wGbLrkDP4-LfHulBPqCONZQBxAWygTG9yAKDWZpBHmLrmxn8C95GnzsJYpseDEMot4x_gizkWy_-K/s1600/20171102_163307.jpg" style="clear: right; float: right; margin-bottom: 1em; margin-left: 1em; text-align: justify;"><img border="0" data-original-height="1600" data-original-width="1200" height="200" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjEIlyzfcN21Z41EL6lmyyIjDDE-qb5aBF88OSsL3ehCtWbY44Mi3r8iIyStKrDxP9wGbLrkDP4-LfHulBPqCONZQBxAWygTG9yAKDWZpBHmLrmxn8C95GnzsJYpseDEMot4x_gizkWy_-K/s200/20171102_163307.jpg" width="150" /></a></div>
<b>(पटना बिहार)</b> पटना जंक्शन के पास भगवान बुद्ध की स्मृति में बिहार सरकार ने 22 एकड़ में 125 करोड़ की लागत से इस पार्क का निर्माण कराया है। इस पार्क का आइडिया सुशासन बाबू नीतीश कुमार का है। पर्यटन के लिहाज से इस पार्क का निर्माण तारीफ के काबिल है। लेकिन पर्यटकों को आकर्षित करने का मुख्यमंत्री के इस आइडिया को उनके ही अधिकारी पलीता लगा रहे हैं। पार्क के पार्किंग साइड की ओर गंदगी का अंबार लगा हुआ है। इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। बता दें कि बुद्धा स्मृति पार्क फ्रेजर रोड पर स्थित है। फ्रेजर रोड पर सफाई का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। जिसके चलते पर्यटकों को आकर्षित किया जा सकता है। लेकिन पार्किंग वाले गेट के आसपास इतनी गंदगी है कि उसकी बदबू के चलते आप सांस भी नहीं ले पाएंगे। यहां ऑटो स्टैंड है जिसके चलते हमेशा जाम की स्थिति बनी रहती है। ऊपर से ऐसे कई लोग है जो मूत्र त्याग करते दिख जाएंगे। ये रोड हिन्दुस्तान अखबार के दफ्तर के पीछे हैं, लेकिन पत्रकारिता करने वाले उन पत्रकारों को ये गंदगी दिखाई नहीं देती है। बस दफ्तर से बाहर निकलकर अपनी जिंदगी धुएं में उड़ाना पसंद<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjNcnohvUg2vMkq9n3tiEWkcoBYsnGrD2nmQAQKOvk9vNX6hYjL7zcd670GkLBfF7akLq9AUMXRKr7sw9-EqcUPYu8wgvggzraqKfeBL0KCgn1TTR9gqegB2oUOqcEYq688n2ZPnJIuoK1v/s1600/20171102_163256.jpg" style="clear: left; float: left; margin-bottom: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" data-original-height="1200" data-original-width="1600" height="150" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjNcnohvUg2vMkq9n3tiEWkcoBYsnGrD2nmQAQKOvk9vNX6hYjL7zcd670GkLBfF7akLq9AUMXRKr7sw9-EqcUPYu8wgvggzraqKfeBL0KCgn1TTR9gqegB2oUOqcEYq688n2ZPnJIuoK1v/s200/20171102_163256.jpg" width="200" /></a></div></div>
<div style="text-align: justify;">
करते हैं। कभी लालू प्रसाद यादव ने पटना के सौंदर्यीकरण की बात कही थी, लेकिन वो बात हकीकत में नहीं बदल पाई। अब ये समझ से परे हैं कि सुशासन बाबू के नाम से मशहूर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ये गंदगी क्यों नहीं दिखाई देती है। पटना को साफ-सुथरा बनाने की मुहिम क्यों नहीं तेज हो पा रही है? आखिर निगम के कर्मचारी इस कचरे को साफ करने से क्यों कतरा रहे हैं? लोगों के मूत्र त्याग के लिए इंतजाम क्यों नहीं हो रहे हैं? ये कुछ सवाल है जो सीधे सुशासन बाबू से जवाब मांग रहे हैं। वैसे जिस जगह पर ट्रैफिक के लिए जगह कम पड़ रही है वहां स्मृति पार्क का बनना थोड़ा अटपटा लगता है। .</div>
<div style="text-align: justify;">
<br /></div>
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
</div>
<div style="text-align: justify;">
<br /></div>
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</div>
Sunilhttp://www.blogger.com/profile/12553476480981839837noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-3637863961076727367.post-72618519090734391222017-10-16T10:53:00.001+05:302021-07-01T17:39:37.059+05:30गंदगी से कब मिलेगी आजादी ?<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgdJ1Nqdt0nq-GiexVt6gG02krrkVbEHCE6KD8RA0NQHy0PTGT03OG50sr97ktXhwhqxqVU7e4QjbeKaqr-DKpEk8JflQEIHvG-ipfnF_-tGT8ET4a_0vQvsNR8loBhsWy4NUoSSASJbqbC/s1600/20170810_160347.jpg" style="clear: right; float: right; margin-bottom: 1em; margin-left: 1em;"><img border="0" data-original-height="1200" data-original-width="1600" height="240" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgdJ1Nqdt0nq-GiexVt6gG02krrkVbEHCE6KD8RA0NQHy0PTGT03OG50sr97ktXhwhqxqVU7e4QjbeKaqr-DKpEk8JflQEIHvG-ipfnF_-tGT8ET4a_0vQvsNR8loBhsWy4NUoSSASJbqbC/s320/20170810_160347.jpg" width="320" /></a></div>
डर मत मेरे दोस्त<br />
ये कचरा कुछ नहीं कर सकता।<br />
जानते हो क्यों ?<br />
क्योंकि ये केवल सिस्टम को बीमार करता है।<br />
इस बीमारी का इलाज करने की हिमाकत मत करना<br />
वरना तुम्हें भी बीमार बना दिया जाएगा।<br />
इतना बीमार बना दिया जाएगा<br />
कि तुम अपनी जिंदगी से हार जाओगे।<br />
सिर्फ इतना याद रखना<br />
इस कचरे से सिर्फ राजनीति की सेहत ठीक होती है।<br />
ये कचरा सत्ता का समीकरण तय करता है।<br />
चाहे शासन हो या फिर प्रशासन<br />
सब इस कचरे को नमन करते हैं।<br />
ये नेताओं के लिए पवित्र है।<br />
सत्ता के शीर्ष पर बैठे नेताओं को<br />
कचरे की बदबू सुगंधित महसूस होती है।<br />
इस कचरे के खिलाफ आवाज मत उठाना<br />
वरना तुम्हारी आवाज दबा दी जाएगी।<br />
किसी ने सच कहा है<br />
जो दिखता है वो बिकता है।<br />
राजनीति में इन दिनों 'कचरा' बिक रहा है।<br />
कचरा खरीदने वाले नेताओं की लंबी लाइन लगी है।<br />
धीरे-धीरे चुनाव नजदीक आने दो<br />
फिर देखना<br />
कचरे के कॉपीराइट के लिए<br />
राजनीति के सूरमाओं के बीच<br />
कितना बड़ा घमासान मचता है?<br />
क्या पीएम और क्या सीएम<br />
सभी गांधी के चश्मे से कचरे को देख रहे हैं!<br />
वहीं बापू का चश्मा सोच रहा है<br />
आखिर इस देश को<br />
गंदगी से आजादी कब मिलेगी ?</div>
Sunilhttp://www.blogger.com/profile/12553476480981839837noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-3637863961076727367.post-2298523628831268782017-08-12T17:35:00.002+05:302021-07-04T19:03:44.707+05:30स्कूली बच्चों की सुरक्षा में लापरवाही<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<div class="separator" style="clear: both; text-align: justify;">
ये तस्वीरें रायपुर के सड्डू इलाके की हैं। पोखर के किनारे का दृश्य है। जिसमें एक बच्चा पोखर के किनारे खड़ा है। जिस तरह बच्चे की अनदेखी की गई है। उसको देखते हुए किसी अनहोनी से इनकार नहीं किया जा सकता।</div>
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhyIEhWs184RYdRFGFNS5e4lvuI740oK-N_alWGTNgFBCwX-kWJWiiLxDHp2yDgsqscu50Pl19F5PZknjbCgm70W4G6wo4l27MpLN_bMJT3WXOqH-AuRuD5-_PibgrFbOVY09PPj2qIQg6o/s1600/20170812_112303.jpg" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" data-original-height="1200" data-original-width="1600" height="240" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhyIEhWs184RYdRFGFNS5e4lvuI740oK-N_alWGTNgFBCwX-kWJWiiLxDHp2yDgsqscu50Pl19F5PZknjbCgm70W4G6wo4l27MpLN_bMJT3WXOqH-AuRuD5-_PibgrFbOVY09PPj2qIQg6o/s320/20170812_112303.jpg" width="320" /></a></div>
<br />
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgOAR9KOcmg6xXu7W_ffpcEBG4H7pEIp51ME58i7DKKQZHaQZCDxfWWiat7zdJMVBjabr3D2g1dgSzVbwadNsPopgaY4fN9XXJeShvzT9oYDga2JS1tr5tHyhg3erpprQPz4SXL3UKOHC4v/s1600/20170812_112223.jpg" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" data-original-height="1200" data-original-width="1600" height="240" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgOAR9KOcmg6xXu7W_ffpcEBG4H7pEIp51ME58i7DKKQZHaQZCDxfWWiat7zdJMVBjabr3D2g1dgSzVbwadNsPopgaY4fN9XXJeShvzT9oYDga2JS1tr5tHyhg3erpprQPz4SXL3UKOHC4v/s320/20170812_112223.jpg" width="320" /></a></div>
इस पोखर को देखकर आप भी अंदाजा लगा सकते हैं कि ये पोखर कितना लंबा और चौड़ा है। इसकी गहराई का भी आप अंदाजा लगा सकते हैं।<br />
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEj7YqZNYXxTFjV6NX_qArbGiTzD1zI5TgL72IJAbLqXbz38-oT5bI36pizDMGOi2_uBE1pFgwkAirvOUezXUZpjSyxNe5I0oJn6Euzw_izgfQW_gc5FLVKKV7PZWR2lo9kPofELwsHjWKbq/s1600/20170812_112203.jpg" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" data-original-height="1200" data-original-width="1600" height="240" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEj7YqZNYXxTFjV6NX_qArbGiTzD1zI5TgL72IJAbLqXbz38-oT5bI36pizDMGOi2_uBE1pFgwkAirvOUezXUZpjSyxNe5I0oJn6Euzw_izgfQW_gc5FLVKKV7PZWR2lo9kPofELwsHjWKbq/s320/20170812_112203.jpg" width="320" /></a></div>पोखर के किनारे सरकारी स्कूल संचालित है, लेकिन इस स्कूल में बच्चों की सुरक्षा के इंतजाम नहीं हैं। कम से कम स्कूल प्रबंधन को तो इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि बच्चे पोखर की ओर न जाएं।</div>
Sunilhttp://www.blogger.com/profile/12553476480981839837noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-3637863961076727367.post-1924879791100004692016-08-10T01:37:00.000+05:302018-01-28T11:02:12.807+05:30 अजनबी बन गया हूं<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<div>
<span style="line-height: normal;">ये शहर फिर अजनबी बन गया है। </span></div>
<div>
<span style="line-height: normal;">यहां हर शख्स मेरी पहचान पूछता है।।</span><br />
<span style="line-height: normal;"><br /></span></div>
<div>
<span style="line-height: normal;">सालों जीया हूं यहां की फिजां में दोस्त</span></div>
<div>
<span style="line-height: normal;">अब मेरा वजूद मरने को तैयार बैठा है।।</span><br />
<span style="line-height: normal;"><br /></span></div>
<div>
<span style="line-height: normal;">चंद लम्हों में ही अपनों से पराए हो गए।</span></div>
<div>
<span style="line-height: normal;">आह वक्त बड़ा बेरहम दिखता है।।</span><br />
<span style="line-height: normal;"><br /></span></div>
<div>
<span style="line-height: normal;">यहां मोहब्बत में जीने की ख्वाहिश थी मेरी।</span></div>
<div>
<span style="line-height: normal;">मगर हर मोड़ पर ख्वाहिशें लावारिस मिली।।</span><br />
<span style="line-height: normal;"><br /></span></div>
<div>
<span style="line-height: normal;">जिंदगी का हर लम्हा ढूंढता रहा एक वफादार।</span></div>
<div>
<span style="line-height: normal;">यहां तो दगाबाजों की फेहरिस्त लंबी निकली।।</span><br />
<span style="line-height: normal;"><br /></span></div>
<div>
<span style="line-height: normal;">तू दोस्त न सही, दुश्मन ही सही।</span></div>
<div>
<span style="line-height: normal;">सुकून है कि मेरी झोली खाली नहीं निकली।। </span><br />
<span style="line-height: normal;"><br /></span></div>
<div>
<span style="line-height: normal;">मेरे न होने का अहसास तो तुझे होगा। </span></div>
<div>
<span style="line-height: normal;">नफरत से ही सही, मेरी तलाश तो होगी।।</span></div>
</div>
Sunilhttp://www.blogger.com/profile/12553476480981839837noreply@blogger.com0