Monday, October 16, 2017

गंदगी से कब मिलेगी आजादी ?

डर मत मेरे दोस्त
ये कचरा कुछ नहीं कर सकता।
जानते हो क्यों ?
क्योंकि ये केवल सिस्टम को बीमार करता है।
इस बीमारी का इलाज करने की हिमाकत मत करना
वरना तुम्हें भी बीमार बना दिया जाएगा।
इतना बीमार बना दिया जाएगा
कि तुम अपनी जिंदगी से हार जाओगे।
सिर्फ इतना याद रखना
इस कचरे से सिर्फ राजनीति की सेहत ठीक होती है।
ये कचरा सत्ता का समीकरण तय करता है।
चाहे शासन हो या फिर प्रशासन
सब इस कचरे को नमन करते हैं।
ये नेताओं के लिए पवित्र है।
सत्ता के शीर्ष पर बैठे नेताओं को
कचरे की बदबू सुगंधित महसूस होती है।
इस कचरे के खिलाफ आवाज मत उठाना
वरना तुम्हारी आवाज दबा दी जाएगी।
किसी ने सच कहा है
जो दिखता है वो बिकता है।
राजनीति में इन दिनों 'कचरा' बिक रहा है।
कचरा खरीदने वाले नेताओं की लंबी लाइन लगी है।
धीरे-धीरे चुनाव नजदीक आने दो
फिर देखना
कचरे के कॉपीराइट के लिए
राजनीति के सूरमाओं के बीच
कितना बड़ा घमासान मचता है?
क्या पीएम और क्या सीएम
सभी गांधी के चश्मे से कचरे को देख रहे हैं!
वहीं बापू का चश्मा सोच रहा है
आखिर इस देश को
गंदगी से आजादी कब मिलेगी ?

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