Sunday, August 20, 2023

25 रुपए किलो प्याज बेचेगी सरकार

भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ (एनसीसीएफ) 21 अगस्त से सस्ते दामों पर प्याज की बिक्री शुरू करेगा।एनसीसीएफ 25 रुपए प्रति किलो के खुदरा मूल्य की दर से प्याज को बेचेगा। प्याज की बिक्री एनसीसीएफ की दुकानों और मोबाइल वैन के जरिए की जाएगी। आने वाले दिनों में अन्य संस्थाओं और ई-कॉमर्स मंचों को भी शामिल कर प्याज की खुदरा बिक्री को बढ़ाया जाएगा। बफर स्टॉक से प्याज का निपटान शुरू हो गया है। प्याज उन राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों में भेजा जा रहा है जहां प्याज की कीमतें अधिक हैं। अब तक 1400 मीट्रिक टन प्याज बाजारों में भेजा गया है। बाजारों में प्याज की उपलब्धता बढ़ाने के लिए बफर से प्याज भेजने का सिलसिला आगे भी जारी रहेगा। सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए इस वर्ष प्याज बफर की मात्रा बढ़ाकर 5 लाख मीट्रिक टन कर दिया है। पहले यह 3 लाख मीट्रिक टन प्रारंभिक लक्ष्य था। गौरतलब है कि टमाटर के बाद प्याज की महंगाई ने लोगों को रुलाना शुरू कर दिया है। जिसके चलते सरकार आम उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए 21 अगस्त से सस्ते दाम पर प्याज बेचने जा रही है। टमाटर के दाम जब 250 रुपए प्रति किलो की दर से आसमान छूने लगे, तब सरकार ने लोगों को राहत देने के लिए अपनी कोशिशें शुरू कीं। सरकार ने लोगों को सस्ते दामों पर टमाटर उपलब्ध कराना शुरू किया जिसके बाद से टमाटर 40 रुपए प्रति किलो की दर से फिलहाल बिक रहा है। 

Saturday, August 12, 2023

जी20 भ्रष्टाचार निरोधी बैठक, पीएम का संबोधन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 अगस्त को पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में आयोजित जी20 भ्रष्टाचार विरोधी मंत्रिस्तरीय बैठक को संबोधित किया। पीएम मोदी ने इस बैठक को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया। मोदी ने कहा कि देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति है। मोदी ने लालच के प्रति आगाह करते हुए कहा कि यह हमें सच्चाई का अनुभव करने से रोकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार का सबसे अधिक प्रभाव गरीबों पर पड़ता है। भ्रष्टाचार संसाधनों के उपयोग को प्रभावित करता है। उन्होंने कहा कि यह बाजार को विकृत कर देता है। सेवा वितरण पर प्रभाव डालता है और अंत में लोगों के जीवन की गुणवत्ता को कम कर देता है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत एक पारदर्शी और जवाबदेह इकोसिस्टम बनाने के लिए प्रौद्योगिकी और ई-गवर्नेंस का लाभ उठा रहा है। कल्याणकारी योजनाओं और सरकारी परियोजनाओं में गड़बड़ियों और कमियों को दूर किया जा रहा है। इसके परिणामस्वरूप भारत में सैकड़ों मिलियन लोगों को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के जरिए उनके बैंक खातों में 360 बिलियन डॉलर से अधिक की राशि प्राप्त हुई और 33 बिलियन डॉलर से अधिक की राशि बचाने में मदद मिली है। मोदी ने कहा कि सरकार पूरी तत्परता के साथ आर्थिक अपराधियों का पीछा कर रही है और आर्थिक अपराधियों से 1.8 बिलियन डॉलर से अधिक की संपत्ति की वसूली की गई है। धनशोधन रोकथाम अधिनियम पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि 2014 से अपराधियों की 12 बिलियन डॉलर से अधिक की संपत्ति जब्त की गई है। पीएम ने इस बात पर प्रसन्नता जताई कि प्रवर्तन एजेंसियों के बीच सहयोग पर सहमति बन गई है। इससे अपराधी कानूनी खामियों का फायदा नहीं उठा पाएंगे। गौरतलब है कि जी20 भ्रष्टाचार निरोधी मंत्रिस्तरीय बैठक की अध्यक्षता लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने की। यह जी20 की दूसरी मंत्रिस्तरीय बैठक है। इससे पहले भ्रष्टाचार निरोधी वर्किंग ग्रुप की बैठक 9 से 11 अगस्त तक कोलकाता में हुई थी। बैठक में जी20 सदस्यों, 10 आमंत्रित देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। 

Sunday, August 6, 2023

508 रेलवे स्टेशनों का होगा कायाकल्प

मोदी सरकार रेलवे के कायाकल्प को लेकर काफी गंभीर दिख रही है। इस दिशा में एक कदम आगे बढ़ते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 6 अगस्त को अमृत रेलवे स्टेशन के तहत देशभर के 508 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की आधारशिला रखी। पीएम ने यह आधारशिला वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए रखी। पुनर्विकास हेतु चयनित ये 508 रेलवे स्टेशन 27 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में फैले हुए हैं। उत्तर प्रदेश में 55, राजस्थान में 55, बिहार में 49, महाराष्ट्र में 44, पश्चिम बंगाल में 37, मध्य प्रदेश में 34, असम में 32, ओडिशा में 25, पंजाब में 22, गुजरात में 21, तेलंगाना में 21, झारखंड में 20, आंध्र प्रदेश में 18, तमिलनाडु में 18, हरियाणा में 15 और कर्नाटक में 13 रेलवे स्टेशनों का कायाकल्प होगा। इरस कायाकल्प पर 24470 करोड़ से अधिक रुपए खर्च होंगे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिेए लोगों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि देश के लगभग 1300 प्रमुख रेलवे स्टेशनों को अब आधुनिकता के साथ 'अमृत भारत स्टेशन' के रूप में पुनर्विकसित किया जाएगा। पहले चरण में 508 रेलवे स्टेशनों का कायाकल्प होगा। इसमें उत्तर प्रदेश और राजस्थान में लगभग 4000 करोड़ रुपए की लागत से 55 अमृत स्टेशन, मध्य प्रदेश में लगभग 1000 करोड़ की लागत से 34 स्टेशन, महाराष्ट्र में 1500 करोड़ की लागत से 44 स्टेशन का पुनर्विकास होगा। प्रधानमंत्री कार्यालय के द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार अमृत स्टेशनों में देश की सांस्कृतिक और स्थानीय विरासत की झलक देखने को मिलेगी। जयपुर रेलवे स्टेशन पर हवा महल और आमेर के किले की झलक देखने को मिलेगी। जम्मू-कश्मीर का जम्मू तवी रेलवे स्टेशन प्रसिद्ध रघुनाथ मंदिर से प्रेरित होगा। नगालैंड का दीमापुर रेलवे स्टेशन क्षेत्र की 16 विभिन्न जनजातियों की स्थानीय वास्तुकला को प्रदर्शित करेगा। विज्ञप्ति के अनुसार इस वर्ष रेलवे को 2.5 लाख करोड़ रुपए से अधिक का बजट दिया गया है जो 2014 की तुलना में पांच गुना ज्यादा है। पिछले 9 वर्षों में लोकोमोटिव उत्पादन में 9 गुना की वृद्धि हुई है। वर्तमान में 13 गुना अधिक एचएलबी कोचों का निर्माण किया जा रहा है। पूर्वोत्तर में रेल लाइनों के दोहरीकरण, गेज परिवर्तन, विद्युतीकरण और नए मार्गों पर तेजी से काम चल रहा है। पूर्वोत्तर के सभी राज्यों की राजधानियों का बहुत जल्द रेलवे नेटवर्क से जुड़ जाने का दावा भी किया गया है। पिछले 9 वर्षों में 2200 किलोमीटर से अधिक समर्पित फ्रेट कॉरिडोर का निर्माण किया गया है। इसी तरह वर्तमान में रेलवे ओवरब्रिज और अंडरब्रिज की संख्या 10000 से अधिक हो गई है। 

Tuesday, August 1, 2023

पीएम मोदी को लोकमान्य तिलक पुरस्कार

महाराष्ट्र के पुणे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। प्रधानमंत्री ने पुरस्कार को देश की जनता को समर्पित किया। इसके साथ ही पुरस्कार में प्राप्त राशि को नमामि गंगे परियोजना को दान कर दिया। इस अवसर पर महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस, राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस और अजीत पवार समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित थे। लोकमान्य तिलक को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि तिलक ने स्वतंत्रता संग्राम में अमूल्य योगदान दिया है। उन्होंने तिलक को स्वतंत्रता संग्राम का तिलक बताया। मोदी ने कहा कि तिलक एक महान संस्था निर्माता और परंपराओं के पोषक थे। उन्होंने भारतीय में हीन भावना के मिथक को तोड़ा और अपनी क्षमताओं के प्रति भारतीयों में आत्मविश्वास जगाया। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने तिलक द्वारा फर्ग्यूसन कॉलेज की स्थापना के समय को याद किया और कहा कि उस समय भारत में विश्वास की कमी की बात कही गई थी। मोदी ने कहा कि देश अब विश्वास की कमी से अतिरिक्त विश्वास की ओर बढ़ गया है। इस दौरान पीएम ने अपने 9 साल के कार्यकाल के दौरान हुए बदलाव की चर्चा की। बता दें कि लोकमान्य तिलक की याद में तिलक स्मारक मंदिर ट्रस्ट द्वारा 1983 में इस पुरस्कार की स्थापना की गई थी। यह पुरस्कार उन लोगों को दिया जाता है जिन्होंने देश के विकास के लिए उल्लेखनीय और असाधारण कार्य किया है। हर साल यह पुरस्कार लोकमान्य तिलक की पुण्यतिथि 1 अगस्त को दिया जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पुरस्कार को प्राप्त करने वाले 41वें व्यक्ति हैं। इससे पहले इंदिरा गांधी, डॉ. शंकर दयाल शर्मा, प्रणब मुखर्जी, अटल बिहारी वाजपेयी, डॉ मनमोहन सिंह, एन आर नारायणमूर्ति, डॉ ई. श्रीधरन जैसे प्रमुख व्यक्तियों को इस पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। 

Tuesday, July 25, 2023

संसद में हंगामे से किसका भला होगा ?

केंद्र सरकार और विपक्ष के बीच तनातनी बढ़ती जा रही है। सरकार को विपक्ष का रचनात्मक सहयोग नहीं मिल रहा है। विपक्ष सरकार पर नाकामियों का आरोप लगाकर संसद को चलने नहीं दे रहा है। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी के ट्वीट के अनुसार इस मानसून सत्र में सरकार कई महत्वपूर्ण बिल पास करवाना चाहती है। लेकिन विपक्ष के हंगामे की वजह से बिल अटके पड़े हैं। हंगामे का मुख्य कारण रूल 267 बनाम 176 है। सरकार रूल 176 के तहत संसद में छोटी चर्चा चाहती है जबकि विपक्ष रूल 267 के तहत संसद में लंबी चर्चा चाहता है। राज्यसभा में रूल 176 में 11 जबकि रूल 267 में 27 नोटिस मिले थे। लेकिन सरकार नियम 267 के तहत चर्चा कराने को तैयार नहीं है। 20 जुलाई से संसद का मानसून सत्र शुरू हो गया है और यह 11 अगस्त तक चलेगा। कुल 23 दिनों तक संसद का मानसून सत्र चलेगा। इस दौरान कुल 17 बैठकें आयोजित की जाएंगी। लेकिन 6 दिन हो चुके हैं विपक्ष हंगामे पर अड़ा है। मणिपुर के मुद्दे पर विपक्ष मोदी सरकार को घेर रहा है। वहीं भाजपा राजस्थान, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल राज्य में हो रहे अत्याचारों व हिंसा को लेकर विपक्ष को घेर रहा है। जानकारी के मुताबिक इस मानसून सत्र में सरकार कुल 31 बिल संसद में लाएगी। इनमें से 21 नए बिल हैं और 10 संसद के किसी न किसी सदन में पेश हो चुके हैं। माना जा रहा है कि सरकार इस मानसून सत्र में समान नागरिक संहिता बिल भी पेश कर सकती है। इसके अलावा दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग से जुड़ा बिल भी संसद में पेश हो सकता है। संसद में जारी गतिरोध चिंताजनक और निराशाजनक है। विपक्ष आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह के निलंबन से नाराज है। चुनाव नजदीक होने की वजह से संसद पर चुनावी छाया पड़ रही है। चाहे वो सत्तापक्ष हो या विपक्ष, हर पक्ष अपनी चुनावी जमीन को उर्वरक बनाने में जुटा है। संसद की कार्यवाही नहीं चलने से जनता का ही नुकसान हो रहा है। इसको लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों को सोचना होगा कि आखिर उनकी हठधर्मिता से किसका भला हो रहा है ?

Saturday, July 8, 2023

क्या किंगमेकर बनेंगे राहुल गांधी ?

गुजरात हाईकोर्ट द्वा्रा मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी़ की समीक्षा याचिका को खारिज करना राष्ट्रीय राजनीति के लिए महत्वपूर्ण है। यह समीक्षा याचिका ऐसे समय में खारिज हुई है जब राहुल गांधी सत्तासीन बीजेपी सरकार के लिए बड़ी चुनौती साबित हो रहे हैं। हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक की विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जो जीत हासिल की है, उसके पीछे पार्टी के नेता व कार्यकर्ता राहुल गांधी की मेहनत को श्रेय दे रहे हैं। राहुल गांधी को श्रेय देना भी चाहिए। राहुल कांग्रेस का एकमात्र चेहरा हैं जिनके बल पर पार्टी चुनाव लड़ती है। यदि बीजेपी नरेंद्र मोदी के चेहरे पर चुनाव में उतरती है तो कांग्रेस राहुल गांधी के चेहरे को आगे करके चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रही है। 2019 का लोकसभा चुनाव काफी महत्वपूर्ण है। इस चुनाव में राहुल गांधी ने कांग्रेस की जीत के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया था। इसी कड़ी में उन्होंने मोदी सरनेम को लेकर एक ऐसी लकीर खींची जो मानहानि के दायरे में आ गया। राहुल गांधी ने अपनी जनसभाओं में जिस तरह से मोदी सरनेम को लेकर हमले किए, उसके पीछे चाहे जो भावना रही हो, लेकिन राहुल को यह समझना चाहिए था कि यही मोदी सरनेम उनके लिए भविष्य में मुसीबत बन जाएगा। राहुल को समझना चाहिए कि सारे मोदी सरनेम वालों को एक तराजू में तौलना ठीक नहीं है। इस परिप्रेक्ष्य में गुजरात हाईकोर्ट का फैसला काफी अहम है। इससे राहुल व उनकी पार्टी सहित उन सभी नेताओं व लोगों को सबक लेनी चाहिए कि बोलने से पहले सोच-समझ लें कि क्या बोल रहे हैं और उसका क्या प्रभाव होगा? गुजरात हाईकोर्ट से समीक्षा याचिका खारिज होने के बाद अब राहुल की सारी उम्मीदें सुप्रीम कोर्ट पर जा टिकी हैं। सर्वोच्च न्यायालय उनकी याचिका पर क्या फैसला देगा, यह तो भविष्य बताएगा, लेकिन मोदी सरनेम मानहानि मामले में आए फैसले ने राहुल गांधी के राजनीतिक सफर पर विराम लगा दिया है। उनका प्रधानमंत्री बनने का सपना अधूरा रह सकता है। गुजरात हाईकोर्ट की एकल बेंच ने राहुल गांधी की दोषसिद्धि और दो साल की सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। गौरतलब है कि गुजरात की एक अदालत ने मोदी सरनेम मानहानि मामले में राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई। यह सजा इसी साल 23 मार्च को सुनाई गई थी। जिसके बाद 24 मार्च को लोकसभा सचिवालय ने एक अधिसूचना निकाल कर राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता खत्म कर दी। राहुल गांधी केरल के वायनाड से लोकसभा के सदस्य थे। जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 8(3) के तहत यदि किसी सांसद को किसी अपराध के लिए दोषी ठहराया जाता है और उसे कम से कम दो साल की सजा सुनाई जाती है तो उसकी संसद सदस्यता समाप्त हो जाएगी। यदि सुप्रीम कोर्ट से राहुल गांधी को राहत नहीं मिलती है तो राहुल के लिए संसद सदस्य बनने का अवसर समाप्त हो जाएगा। ऐसे में उनकी प्रधानमंत्री पद की दावेदारी का कोई मतलब नहीं रह जाएगा। कांग्रेस राहुल को अपना चेहरा बनाकर घूम रही है। राहुल राजनीतिक लाभ के लिए भारत जोड़ो यात्रा पर निकले थे। सवाल है कि इस तरह की कवायद राहुल गांधी खुद को प्रधानमंत्री बनाने के लिए कर रहे हैं या फिर कांग्रेस पार्टी को सत्ता दिलाने के लिए, चाहे प्रधानमंत्री पार्टी का कोई भी नेता हो। यदि राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली तो क्या राहुल गांधी कांग्रेस पार्टी में किंग मेकर की भूमिका निभाएंगे? 

Monday, May 15, 2023

राजनीतिक मंच पर मोदी और राहुल की टक्कर

कर्नाटक विधानसभा चुनाव के बाद भारतीय जनता पार्टी दक्षिण भारत से साफ हो गई है। यह भाजपा के लिए काफी बड़ा झटका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जी-तोड़ मेहनत काम नहीं आई। अमित शाह की सारी रणनीति फेल हो गई। कांग्रेस की तरफ से राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने पार्टी की जीत के लिए काफी मेहनत की। उसका नतीजा सबके सामने है। कांग्रेस ने कर्नाटक विधानसभा में 135 सीटें जीत कर सबको चौंका दिया है। वहीं भाजपा को 66 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा। जाहिर सी बात है कि कर्नाटक की जनता भाजपा सरकार की नीतियों से खुश नहीं है। राज्य में बसवराज बोम्मई के नेतृत्व में भाजपा की सरकार थी, लेकिन अब तस्वीर बदल चुकी है। चुनाव में पार्टी की हार के बाद बसवराज बोम्मई ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। भाजपा के प्रति जनता की नाराजगी का ये पहला उदाहरण नहीं है। इससे पहले हिमाचल प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत ने यह संकेत दे दिया कि कांग्रेस भारतीय जनता पार्टी को चुनौती दे सकती है। भाजपा कांग्रेस मुक्त भारत का सपना देख रही थी, लेकिन क्या यह सपना पूरा हो पाएगा ? पहले हिमाचल प्रदेश और अब कर्नाटक चुनाव परिणाम ने स्पष्ट कर दिया है कि कांग्रेस को खत्म करना इतना आसान नहीं है। जीत-हार लगी रहती है। कांग्रेस कई राज्यों में हारी है तो उसने कई राज्यों में जीत भी दर्ज की है। 2024 में लोकसभा के चुनाव होने हैं। भारतीय जनता पार्टी के लिए सत्ता में वापसी बड़ी चुनौती होगी, क्योंकि कांग्रेस धीरे-धीरे मजबूत हो रही है। नरेंद्र मोदी को हराने के लिए विपक्ष अपनी एकता पर जोर दे रहा था। इस एकता में बाधक था पीएम उम्मीदवार के लिए कई नेताओं की दावेदारी। कांग्रेस की कर्नाटक जीत से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मुहिम को झटका लगा है। राहुल गांधी मजबूत पीएम उम्मीदवार के तौर पर उभरे हैं। अब विपक्षी नेताओं को राहुल गांधी को दरकिनार करके चलना संभव नहीं है। कांग्रेस राहुल गांधी को ही विपक्ष का चेहरा स्वीकार करेगी। ऐसे में किसी अन्य नेता पर विपक्ष में सहमति बनना कठिन प्रतीत हो रहा है। कर्नाटक चुनाव में जीत के बाद राहुल गांधी राजनीतिक मंच पर नरेंद्र मोदी को चुनौती देने में सबसे आगे हैं। ये देखना दिलचस्प होगा कि पीएम की कुर्सी के लिए 2024 का लोकसभा चुनाव विपक्ष किस चेहरे पर लड़ेगा ?