(दिल्ली) ये उत्तरी दिल्ली की तस्वीर है। पेड़ भी सांस लेता है, लेकिन
इसकी परवाह कौन करता है? यदि परवाह करता तो ये तस्वीर न होती। प्रदूषण को लेकर दिल्ली में हाहाकार मचा है, लेकिन सरकारी लापरवाही का आलम ये है कि ऑक्सीजन देने वाले पेड़ों की लगातार कटाई जारी है। ऐसा नहीं है कि दिल्ली में हरियाली नहीं है, लेकिन दिल्ली की जनसंख्या और प्रदूषण को देखते हुए पेड़ों की कटाई उचित नहीं है। जीवन देने वाले का जीवन लेना कतई जायज नहीं ठहराया जा सकता। बिना हरियाली के जीवन में कोई उत्साह-उमंग नहीं रह जाता। पेड़ों का साथ आदिम काल से मिलता आ रहा है। इसके महत्व का अंदाजा इस बात से लगाया जाता है कि लोग युगों-युगों से पे़ड़ों की पूजा करते आ रहे हैं। अब ऐसे में किसी पूजनीय काया पर कुल्हाड़ी का प्रहार निंदा के लायक है।
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