Wednesday, December 13, 2017

मेरी मौत चाहते हो तुम !

मेरी परछाई से मारपीट करते हो तुम ।
मेरी आत्मा पर जुल्म करते हो तुम ।।

मेरी हर सड़क पर टकराते हो तुम।।
मेरी आजादी का अतिक्रमण करते हो तुम।

मेरी हर खुशी और उमंग से जलते हो तुम।
कायर और बेईमान की मूरत हो तुम।।

मेरी आंखों में आंसू चाहते हो तुम।
आह! मेरी मौत चाहते हो तुम।।

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