नोएडा सेक्टर-3 में ऊंची-ऊंची कई बिल्डिंग और अच्छी सड़कों के बीच जब ये तस्वीर दिखती है तो ऐसा लगता है कि गंदगी से हमारा नाता कभी खत्म नहीं होने वाला। महंगी गाड़ियों से गुजरने वाले लोग हो या फिर मल्टीनेशनल कंपनियों में काम करने वाले लोग। सभी के लिए ये गंदगी परिचय की मोहताज नहीं। इस गंदगी में मवेशी अपनी भूख मिटाते हैं तो वहीं इंसान इस गंदगी में अपनी इच्छाशक्ति को ढूढता है। इंसान तो आखिर इंसान है। उसका अतीत इसी गंदगी से गुजरा है। ऐसे में वो इसमें रचे-बसे होने का मोह कैसे छोड़ दे? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किले की प्राचीर से ऐलान करते हैं कि पूरे देशवासियों को गंदगी से लड़ना है। इस बीमारी को देश से जड़ से खत्म कर देना है। मगर इस ऐलान का हश्र ये तस्वीर बयां कर रही है। माना कि प्रधानमंत्री की पहल पर लोगों के बीच गंदगी के खिलाफ थोड़ी जागरूकता आई है, लेकिन ये नाकाफी है। दिल्ली और एनसीआर की जब ये हालत है तो देश के दूसरे शहरों की क्या हालत होगी, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। खैर भारत सरकार का स्वच्छता अभियान तारीफ के काबिल वाला कदम है। इसे सभी देशवासी अपना समर्थन दें। लेकिन इससे भी अहम बात जो ये तस्वीर कह रही है। उसे नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी जरूर मंथन करें।
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