Monday, May 1, 2023

अरब यात्री के स्पेस वॉक के मायने

संयुक्त अरब अमीरात के अंतरिक्ष यात्री सुल्तान अल नेयादी ने अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन से बाहर निकलकर अंतरिक्ष में कुछ समय बिताया। इस उपलब्धि को देखते हुए कहा जा रहा है कि अरब ने इतिहास रच दिया है। यह उपलब्धि अरब देशों के लिए सुखद और अनुकरणीय है। सुल्तान अल नेयादी दो महीने के लिए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र गए हुए हैं। नेयादी अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा की मदद से अंतरराष्ट्रीय स्पेस सेंटर गए हुए हैं। उनके साथ नासा के अंतरिक्ष यात्री स्टीफन बोवेन भी अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र गए हुए हैं। नेयादी का स्पेस वॉक इस मायने में काफी महत्वपूर्ण है कि अरब देशों की तरफ से वे पहले व्यक्ति हैं जिन्होंने स्पेस वॉक किया है। स्पेस वॉक काफी कठिन और जोखिम भरा कार्य है। इस स्पेस वॉक के लिए जो परिधान पहनने होते हैं वो काफी भारी होते हैं। पृथ्वी पर उस परिधान का वजन 145 किलो होता है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि उस परिधान को पहनकर नेयादी ने जो उपलब्धि हासिल की है, उसके पीछे उनका हौसला, उत्साह और दृढ़ इच्छाशक्ति का हाथ कितना ज्यादा होगा ? वाकई वह तारीफ के काबिल हैं। सुल्तान अल नेयादी अंतरिक्ष में चलने वाले पहले अमीराती, पहले अरब और पहले मुस्लिम हैं। यदि अरब लोगों के मनोविज्ञान की बात की जाए तो अरब के लोग विज्ञान में उतनी दिलचस्पी नहीं लेते हैं। उनका ज्यादातर समय आपसी लड़ाई-झगड़े और खून-खराबे में बीतता है। ऐसे में संयुक्त अरब अमीरात की तरफ से यह पहले पूरी दुनिया को चौकाता है। संयुक्त अरब अमीरात का अंतरिक्ष यात्री अमेरिका के लिए उपयोगी साबित हो रहा है। सुल्तान अल नेयादी का यह स्पेस वॉक काफी महत्वपूर्ण है। इसके जरिए अंतरिक्ष स्टेशन की बिजली उत्पादन प्रणाली को उन्नत करने और एक प्रमुख संचार उपकरण को फिर से प्राप्त करने का मकसद है। नेयादी और बोवेन अंतरिक्ष स्टेशन में शोध के लिए गए हैं। जिसमें वे सफल हो रहे हैं। उनकी सफलता कई देशों के वैज्ञानिकों को प्रेरणा देने का काम करेगा। खासकर अरब के लोग अब विज्ञान में दिलचस्पी लेना शुरू करेंगे और पश्चिमी देशों की तरह वे भी कामयाबी की नई इबादत लिखेंगे। 

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