Sunday, August 6, 2023

508 रेलवे स्टेशनों का होगा कायाकल्प

मोदी सरकार रेलवे के कायाकल्प को लेकर काफी गंभीर दिख रही है। इस दिशा में एक कदम आगे बढ़ते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 6 अगस्त को अमृत रेलवे स्टेशन के तहत देशभर के 508 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की आधारशिला रखी। पीएम ने यह आधारशिला वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए रखी। पुनर्विकास हेतु चयनित ये 508 रेलवे स्टेशन 27 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में फैले हुए हैं। उत्तर प्रदेश में 55, राजस्थान में 55, बिहार में 49, महाराष्ट्र में 44, पश्चिम बंगाल में 37, मध्य प्रदेश में 34, असम में 32, ओडिशा में 25, पंजाब में 22, गुजरात में 21, तेलंगाना में 21, झारखंड में 20, आंध्र प्रदेश में 18, तमिलनाडु में 18, हरियाणा में 15 और कर्नाटक में 13 रेलवे स्टेशनों का कायाकल्प होगा। इरस कायाकल्प पर 24470 करोड़ से अधिक रुपए खर्च होंगे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिेए लोगों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि देश के लगभग 1300 प्रमुख रेलवे स्टेशनों को अब आधुनिकता के साथ 'अमृत भारत स्टेशन' के रूप में पुनर्विकसित किया जाएगा। पहले चरण में 508 रेलवे स्टेशनों का कायाकल्प होगा। इसमें उत्तर प्रदेश और राजस्थान में लगभग 4000 करोड़ रुपए की लागत से 55 अमृत स्टेशन, मध्य प्रदेश में लगभग 1000 करोड़ की लागत से 34 स्टेशन, महाराष्ट्र में 1500 करोड़ की लागत से 44 स्टेशन का पुनर्विकास होगा। प्रधानमंत्री कार्यालय के द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार अमृत स्टेशनों में देश की सांस्कृतिक और स्थानीय विरासत की झलक देखने को मिलेगी। जयपुर रेलवे स्टेशन पर हवा महल और आमेर के किले की झलक देखने को मिलेगी। जम्मू-कश्मीर का जम्मू तवी रेलवे स्टेशन प्रसिद्ध रघुनाथ मंदिर से प्रेरित होगा। नगालैंड का दीमापुर रेलवे स्टेशन क्षेत्र की 16 विभिन्न जनजातियों की स्थानीय वास्तुकला को प्रदर्शित करेगा। विज्ञप्ति के अनुसार इस वर्ष रेलवे को 2.5 लाख करोड़ रुपए से अधिक का बजट दिया गया है जो 2014 की तुलना में पांच गुना ज्यादा है। पिछले 9 वर्षों में लोकोमोटिव उत्पादन में 9 गुना की वृद्धि हुई है। वर्तमान में 13 गुना अधिक एचएलबी कोचों का निर्माण किया जा रहा है। पूर्वोत्तर में रेल लाइनों के दोहरीकरण, गेज परिवर्तन, विद्युतीकरण और नए मार्गों पर तेजी से काम चल रहा है। पूर्वोत्तर के सभी राज्यों की राजधानियों का बहुत जल्द रेलवे नेटवर्क से जुड़ जाने का दावा भी किया गया है। पिछले 9 वर्षों में 2200 किलोमीटर से अधिक समर्पित फ्रेट कॉरिडोर का निर्माण किया गया है। इसी तरह वर्तमान में रेलवे ओवरब्रिज और अंडरब्रिज की संख्या 10000 से अधिक हो गई है। 

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