Saturday, July 8, 2023

क्या किंगमेकर बनेंगे राहुल गांधी ?

गुजरात हाईकोर्ट द्वा्रा मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी़ की समीक्षा याचिका को खारिज करना राष्ट्रीय राजनीति के लिए महत्वपूर्ण है। यह समीक्षा याचिका ऐसे समय में खारिज हुई है जब राहुल गांधी सत्तासीन बीजेपी सरकार के लिए बड़ी चुनौती साबित हो रहे हैं। हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक की विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जो जीत हासिल की है, उसके पीछे पार्टी के नेता व कार्यकर्ता राहुल गांधी की मेहनत को श्रेय दे रहे हैं। राहुल गांधी को श्रेय देना भी चाहिए। राहुल कांग्रेस का एकमात्र चेहरा हैं जिनके बल पर पार्टी चुनाव लड़ती है। यदि बीजेपी नरेंद्र मोदी के चेहरे पर चुनाव में उतरती है तो कांग्रेस राहुल गांधी के चेहरे को आगे करके चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रही है। 2019 का लोकसभा चुनाव काफी महत्वपूर्ण है। इस चुनाव में राहुल गांधी ने कांग्रेस की जीत के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया था। इसी कड़ी में उन्होंने मोदी सरनेम को लेकर एक ऐसी लकीर खींची जो मानहानि के दायरे में आ गया। राहुल गांधी ने अपनी जनसभाओं में जिस तरह से मोदी सरनेम को लेकर हमले किए, उसके पीछे चाहे जो भावना रही हो, लेकिन राहुल को यह समझना चाहिए था कि यही मोदी सरनेम उनके लिए भविष्य में मुसीबत बन जाएगा। राहुल को समझना चाहिए कि सारे मोदी सरनेम वालों को एक तराजू में तौलना ठीक नहीं है। इस परिप्रेक्ष्य में गुजरात हाईकोर्ट का फैसला काफी अहम है। इससे राहुल व उनकी पार्टी सहित उन सभी नेताओं व लोगों को सबक लेनी चाहिए कि बोलने से पहले सोच-समझ लें कि क्या बोल रहे हैं और उसका क्या प्रभाव होगा? गुजरात हाईकोर्ट से समीक्षा याचिका खारिज होने के बाद अब राहुल की सारी उम्मीदें सुप्रीम कोर्ट पर जा टिकी हैं। सर्वोच्च न्यायालय उनकी याचिका पर क्या फैसला देगा, यह तो भविष्य बताएगा, लेकिन मोदी सरनेम मानहानि मामले में आए फैसले ने राहुल गांधी के राजनीतिक सफर पर विराम लगा दिया है। उनका प्रधानमंत्री बनने का सपना अधूरा रह सकता है। गुजरात हाईकोर्ट की एकल बेंच ने राहुल गांधी की दोषसिद्धि और दो साल की सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। गौरतलब है कि गुजरात की एक अदालत ने मोदी सरनेम मानहानि मामले में राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई। यह सजा इसी साल 23 मार्च को सुनाई गई थी। जिसके बाद 24 मार्च को लोकसभा सचिवालय ने एक अधिसूचना निकाल कर राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता खत्म कर दी। राहुल गांधी केरल के वायनाड से लोकसभा के सदस्य थे। जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 8(3) के तहत यदि किसी सांसद को किसी अपराध के लिए दोषी ठहराया जाता है और उसे कम से कम दो साल की सजा सुनाई जाती है तो उसकी संसद सदस्यता समाप्त हो जाएगी। यदि सुप्रीम कोर्ट से राहुल गांधी को राहत नहीं मिलती है तो राहुल के लिए संसद सदस्य बनने का अवसर समाप्त हो जाएगा। ऐसे में उनकी प्रधानमंत्री पद की दावेदारी का कोई मतलब नहीं रह जाएगा। कांग्रेस राहुल को अपना चेहरा बनाकर घूम रही है। राहुल राजनीतिक लाभ के लिए भारत जोड़ो यात्रा पर निकले थे। सवाल है कि इस तरह की कवायद राहुल गांधी खुद को प्रधानमंत्री बनाने के लिए कर रहे हैं या फिर कांग्रेस पार्टी को सत्ता दिलाने के लिए, चाहे प्रधानमंत्री पार्टी का कोई भी नेता हो। यदि राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली तो क्या राहुल गांधी कांग्रेस पार्टी में किंग मेकर की भूमिका निभाएंगे? 

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