Tuesday, July 25, 2023

संसद में हंगामे से किसका भला होगा ?

केंद्र सरकार और विपक्ष के बीच तनातनी बढ़ती जा रही है। सरकार को विपक्ष का रचनात्मक सहयोग नहीं मिल रहा है। विपक्ष सरकार पर नाकामियों का आरोप लगाकर संसद को चलने नहीं दे रहा है। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी के ट्वीट के अनुसार इस मानसून सत्र में सरकार कई महत्वपूर्ण बिल पास करवाना चाहती है। लेकिन विपक्ष के हंगामे की वजह से बिल अटके पड़े हैं। हंगामे का मुख्य कारण रूल 267 बनाम 176 है। सरकार रूल 176 के तहत संसद में छोटी चर्चा चाहती है जबकि विपक्ष रूल 267 के तहत संसद में लंबी चर्चा चाहता है। राज्यसभा में रूल 176 में 11 जबकि रूल 267 में 27 नोटिस मिले थे। लेकिन सरकार नियम 267 के तहत चर्चा कराने को तैयार नहीं है। 20 जुलाई से संसद का मानसून सत्र शुरू हो गया है और यह 11 अगस्त तक चलेगा। कुल 23 दिनों तक संसद का मानसून सत्र चलेगा। इस दौरान कुल 17 बैठकें आयोजित की जाएंगी। लेकिन 6 दिन हो चुके हैं विपक्ष हंगामे पर अड़ा है। मणिपुर के मुद्दे पर विपक्ष मोदी सरकार को घेर रहा है। वहीं भाजपा राजस्थान, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल राज्य में हो रहे अत्याचारों व हिंसा को लेकर विपक्ष को घेर रहा है। जानकारी के मुताबिक इस मानसून सत्र में सरकार कुल 31 बिल संसद में लाएगी। इनमें से 21 नए बिल हैं और 10 संसद के किसी न किसी सदन में पेश हो चुके हैं। माना जा रहा है कि सरकार इस मानसून सत्र में समान नागरिक संहिता बिल भी पेश कर सकती है। इसके अलावा दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग से जुड़ा बिल भी संसद में पेश हो सकता है। संसद में जारी गतिरोध चिंताजनक और निराशाजनक है। विपक्ष आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह के निलंबन से नाराज है। चुनाव नजदीक होने की वजह से संसद पर चुनावी छाया पड़ रही है। चाहे वो सत्तापक्ष हो या विपक्ष, हर पक्ष अपनी चुनावी जमीन को उर्वरक बनाने में जुटा है। संसद की कार्यवाही नहीं चलने से जनता का ही नुकसान हो रहा है। इसको लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों को सोचना होगा कि आखिर उनकी हठधर्मिता से किसका भला हो रहा है ?

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